15 जनवरी को दोपहर के समय इतना बढ़ा ट्रैफिक जाम था कि इस जाम को निकलने में 47 मिनट लग गए इस जाम में आम लोग तो परेशान हुए ही किंतु सबसे अधिक परेशानी थी स्कूल जाते बच्चों को क्योंकि 4 बसें इस ट्रैफिक जाम में फसी हुई थी।
35 मिनट तक कोई ट्रैफिक पुलिस वाला नही आया अंत में एक पुलिस ऑफिसर आए जो ट्रैफिक पुलिस वाले नही थे। जिन्होंने ट्रैफिक जाम हटवाने में कुछ मदद की।
किंतु प्रशन यह उठता है कि यह जाम लगा क्यों तो इसके मुख्य कारण हैं।
- पार्किंग की सुविधा न होना। और लोगो का सड़कों पर गाडियां पार्क कर देना।
- ट्रैफिक पुलिस और ट्रैफिक लाइट का न होना।
- सड़कों का बुरा हाल जो टूटी पड़ी हैं।
- सड़कों के किनारों में नाजायज कब्जा
- बिना लाइसेंस के स्कूली बच्चे भी गाडियां चलाते हैं जिससे ट्रैफिक भी बड़ा हुआ है।
- सड़कों के किनारों पर दिशा होर्डिंग न लगे होना जिससे अक्सर लोग सड़कों पर खड़े हो कर देखते रहते हैं कि किस तरफ जाएं।
- गलत तरीके से ओवर टेकिंग करना भी रास्ता बंद कर देता है।
- सड़कों के किनारे लगे बोर्ड और होर्डिंग के कारण पैदल चलने का मार्ग बंद हो जाता है जिस कारण लोग सड़कों पर चलने के लिए मजबूर हो जाते हैं। जिस कारण कई बार दुर्घटना हुई है।
- बे वजह के होर्डिंग जिन पर नजर जाने से ध्यान डायवर्ट होता है और एक्सीडेंट होते हैं। चौराहों और मोड़ों पर कोई होर्डिंग नही होना चाहिए।
- ट्रैफिक लाइट का अभाव