दोस्तो रेस्टोरेंट में खाना आज कल आम होता जा रहा है। विभिन्न सेवाओं और विभिन्न प्रकार से लोगों को लुभाया जा रहा है। जिन सेवाओं और रेस्टोरेंट फूड पर सरकार भी लाभ ले रही है जीएसटी 5% लगा कर। चलें यह सब तो ठीक आपको सेवाओं के पैसे मांग रहे थे परंतु रोजाना थोड़ा थोड़ा चुना लगा कर एक बढ़ी रकम पैदा कर ली जा रही है जिसका आपको ध्यान भी नही।
यह नीचे एक इंबॉइस है एक रेस्टोरेंट का
इसमें जीएसटी बना 5रुपए 50 पैसे। पेमेंट ऑनलाइन की गई उसके बावजूद 50 पैसे का अतिरिक्त भुगतान जोड़ा गया। अब आप देखें 50 पैसे एक कस्टमर के दिन के 1500 से अधिक ग्राहक हैं इस रिस्टोरेंट के। हम 1000 ले कर चलते हैं 1000x0.50= 500/- रुपए दिन के और महीने के 500×30= 15000 रुपए
अब आप सोचें एक छोटे से भुगतान से जिससे आप सोचते हैं कोई फर्क नहीं पड़ता है। वह छोटा सा भुगतान किसी व्यक्ति की आय से भी अधिक है।
प्रशासन इस हो रही लूट पर कोई कार्य क्यों नही करता। क्या रेस्टोरेंट ये राउंड ऑफ में अपने 50 पैसे कम करते हैं? नहीं न तो 50पैसे बढ़ाने का अधिकार किसने दिया इनको।
आगे आप सब समझदार हैं।