आज आपको बताना चाहते हैं। कादियां भाव पंडित लेखराम नगर जो अपनी एक इतिहासिक पहचान रखता है उसके साथ सरकार और प्रशासन किस प्रकार से कर रहा है कार्य।
सबसे पहले कुछ तथ्यों पर करते हैं ध्यान
- भारतीय संविधान अनुच्छेद 21 जीवन के अधिकार को प्रदान करता है जिसके अंतर्गत स्वास्थ्य का अधिकार हमारे मौलिक अधिकारों का हिस्सा है ।
- हमारा संविधान ही हमे यह अधिकार देता है कि हम कौन सी चिकित्सा प्रणाली से उपचार करवाना चाहते हैं उसका चयन कर पाए ।
- राज्य सरकार का दायित्व है स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध करवाना।
- जब कोई हेल्थ सेंटर अथवा अस्पताल शिफ्ट किया जाता है तो मुख्य ध्यान लायक चीजें होती हैं
- पर्याप्त स्थान :- जहां अस्पताल खुल सके और भविष्य मे बड़ा किया जा सके ।
- अच्छी कानेक्टिविटी :- जिससे किसी प्रकार आने जाने की कोई परेशानी नहीं रहे।
- चिकित्सकों की उपस्थिति :- जिससे मरीजों का इलाज हो सके ।
- उपकरणों की उपस्थिति:- जिससे इलाज अच्छे से हो पाए
- नए अस्पताल को पहले से बेहतर किया जाता है । न कि पहले से कमजोर
अब आप सोचें कादियां का अस्पताल जहां हमेशा भीड़ रहा करती से जब यह शहर के बीचों बीच था तो इसको यहाँ से बाहर क्यों किया गया। क्या कारण हो सकते हैं?
- राजनैतिक लाभ
- निजी स्वास्थ्य केंद्रों को लाभ
साथ ही यह भी सोचें :-
- सरकारी अस्पताल मे मरीज कम कैसे हुए
- अस्पताल मे इलाज 20 रुपए का और आने जाने के 100 रुपए
- सरकारी अस्पताल मे दो डॉक्टर के पद दोनों खाली
- सरकारी अस्पताल के जरूरी प्रमाण पत्र इक्स्पाइर
- सरकारी अस्पताल जाने आने का रास्ता बद्दतर
- जरूरी सेवाएं भी नहीं हैं उपलब्ध
- 2 और 3 बजे शाम के बाद अस्पताल मे चिकित्सक उपलब्ध नहीं
- अगर कोई 3 बजे के बाद बीमार हो जाए तो कौन करेगा का इलाज
- रात शाम मे बीमार होने पर न डॉक्टर होगा और न जाने के लिए कोई संसाधन
- सुबह भी 8 बजे से पहले चिकित्सक नहीं उपलब्द
- ईमर्जन्सी सेवाएं भी जयदा तर राइफेर
क्यों नहीं होता अस्पताल का उत्थान क्या है कारण ?
- शहर से है बाहर
- यातायात के संसाधन नहीं हैं उपलब्ध
- चिकित्सक नहीं उपलब्ध
- कोई नेता अपना इलाज करवाने नहीं जाता सरकारी अस्पताल
क्या है समाधान :- प्रत्येक नेता और उसके परिवार का इलाज केवल सरकारी अस्पताल मे करवाना अनिवार्य किया जाए ।
मुख्य सूचना :- कादियां मे सेवाओं की समय सारणी है इस प्रकार
अब आप ही सोचें कैसे मिलेगा उपचार । आगर किसी को खांसी भी हो उसे भी दवाई लेने के लिए अपने काम से करनी पड़ेगी छुट्टी क्यों सभी नौकरी पेशों वालों के लिए काम काज का समय होता है 9 से 4 और जब वह फ्री होंगे तब अस्पताल बंद होगा। यह है प्रशासन की सचाई। हमारा यह नहीं कहना की सेवा मे बैठे स्वास्थ्य अधिकारी गलत है किन्तु प्रशासनिक प्रणाली गलत है और उनकी गलती के कारण नगर मे स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है।
जो अमीर है वो उपचार के लिए बटाला, अमृतसर भी चला जाएगा पर जो गरीब मजबूर है वो कहाँ जाएगा।
पहले ही हार्ट अटैक से मरने वाले कितने लोग हैं और कितने लोग जो स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव मे यहाँ से ट्रानफसेर कर दिए जाते जो अकसर बटाला अमृतसर जाते ही दम तोड़ देते हैं ।